ब्रिटिश कला का स्वर्ण युग: व्यक्ति-चित्रण और दृश्य-चित्रण

अवलोकन

  • ब्रिटिश कला का मुख्य योगदान व्यक्ति-चित्रण (Portrait-Painting) और दृश्य-चित्रण (Landscape-Art) के रूप में रहा।

  • 19वीं शताब्दी के प्रारंभ में, ब्रिटेन ने दो असाधारण दृश्य चित्रकार दिए: जोसेफ मेलॉर्ड विलियम टर्नर और जॉन कांस्टेबल, जिन्होंने दृश्य-चित्रण को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया।


प्रमुख व्यक्ति-चित्रकार

  • विलियम होगार्थ (William Hogarth): अपने व्यंग्यात्मक और सामाजिक टिप्पणी वाले चित्रों के लिए प्रसिद्ध।

  • सर जोशुआ रेनॉल्ड्स (Sir Joshua Reynolds): वे अपने समय के प्रमुख व्यक्ति-चित्रकार थे और रॉयल अकादमी ऑफ आर्ट्स के संस्थापक भी थे।

  • थॉमस गेन्सबरो (Thomas Gainsborough): वे अपने व्यक्ति-चित्रों के साथ-साथ परिदृश्यों के लिए भी जाने जाते थे।

  • जॉर्ज रोमने (George Romney): उन्होंने मुख्य रूप से महिलाओं के व्यक्ति-चित्र बनाए, खासकर लेडी हैमिल्टन के।


प्रमुख दृश्य-चित्रकार

  • रिचर्ड विल्सन (Richard Wilson): इन्हें 'ब्रिटिश लैंडस्केप पेंटिंग का जनक' कहा जाता है।

  • जोसेफ मेलॉर्ड विलियम टर्नर (J.M.W. Turner):

    • उपाधि: उन्हें 'प्रभाववाद और अभिव्यंजनावाद दोनों का पिता' कहा जाता है।

    • शैली: वे अपने गतिशील, नाटकीय और प्रकाश-केंद्रित दृश्यों के लिए प्रसिद्ध थे।

    • तकनीक: उन्होंने जलरंगों (Watercolors) का अत्यधिक कुशलता से प्रयोग किया।

    • प्रमुख चित्र: 'द फाइटिंग टेमेयर', 'कोहरे में से उगता सूर्य' और 'द बर्निंग हाउस ऑफ पार्लियामेंट'

  • जॉन कांस्टेबल (John Constable):

    • उपाधि: उन्हें 'आधुनिक दृश्य चित्रांकन का प्रवर्तक' माना जाता है।

    • शैली: उन्होंने ग्रामीण दृश्यों, खेतों, बादलों और आकाश को यथार्थवादी और रोमांटिक तरीके से चित्रित किया।

    • तकनीक: वे खुले वातावरण में चित्र बनाने वाले पहले कलाकारों में से थे।

    • प्रमुख चित्र: 'भूसागाड़ी' (The Hay Wain), 'अनाज का खेत' (The Corn-Field) और 'उछलकर लांघता हुआ अश्व'

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