वैदिक कला (Vedic Art)

1. वैदिक काल का परिचय

  • समयकाल: 1500 ई.पू. से 600 ई.पू.

  • सभ्यता का आरंभ: वैदिक युग का आरंभ धातु युग के साथ हुआ।

  • आर्यों का मूल स्थान: आर्य लोग मूल रूप से मध्य एशिया के निवासी थे।

  • धर्म: आर्यों का प्रमुख धर्म वैदिक धर्म था।

  • जानकारी का स्रोत: आर्यों के इतिहास की जानकारी मुख्य रूप से ऋग्वेद से मिलती है।

  • भाषा: आर्यों की प्रमुख भाषा संस्कृत थी।

  • प्रमुख धातु: आर्यों द्वारा लोहे धातु का आविष्कार किया गया था।


2. वेद और उपनिषद

  • वेदों की संख्या: 4 (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद)।

  • वेद शब्द का अर्थ: 'विद' धातु से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ 'ज्ञान' होता है।

  • सबसे पुराना वेद: ऋग्वेद को सबसे पुराना वेद माना जाता है।

  • उपनिषदों की संख्या: 108। उपनिषद को वेदांत भी कहते हैं।

  • उपनिषद का अर्थ: 'गुरु के चरणों में बैठकर प्राप्त किया गया ज्ञान'।

वेदों की विशेषताएँ

  • ऋग्वेद:

    • मण्डल और सूक्तियाँ: इसमें 10 मंडल और 1028 सूक्तियाँ हैं।

    • देवता: इंद्र की प्रतिमा बनाने का उल्लेख है। इंद्र आर्यों के पूजनीय देवता थे।

    • नदी: सर्वाधिक पवित्र नदी सरस्वती थी।

  • यजुर्वेद:

    • विषय: इसमें सर्वप्रथम कर्मकांड का उल्लेख मिलता है।

    • रचना: यह गद्य और पद्य दोनों में लिखा गया है।

    • कला: 64 कलाओं का वर्णन यजुर्वेद से मिलता है।

  • सामवेद:

    • विशेषता: इसे 'संगीत का जनक' कहा जाता है।

    • विषय: संगीत के सात सूरों का उल्लेख इसी में है।

  • अथर्ववेद:

    • विशेषज्ञ: इसका विशेषज्ञ 'ब्रह्मा' को कहा गया है।

    • विषय: इसे 'जीवन का विज्ञान' भी कहते हैं और इसमें लौह युग का साक्ष्य मिलता है।


3. वैदिक काल के देवता और पुराण

  • देवताओं की श्रेणियाँ: देवताओं को 3 श्रेणियों में बाँटा गया है:

    1. प्रथम श्रेणी: पृथ्वी, सोम, अग्नि।

    2. द्वितीय श्रेणी: इंद्र, वायु।

    3. तृतीय श्रेणी: सूर्य, वरुण, विष्णु, आश्विन।

  • पुराण:

    • संख्या: 18।

    • शाब्दिक अर्थ: 'प्राचीन आख्यान' (विवरण)।

    • सबसे प्राचीन पुराण: मत्स्यपुराण

    • वंश की जानकारी:

      • मौर्य वंश: विष्णु पुराण से।

      • गुप्त वंश: वायु पुराण से।

    • भागवत पुराण: इसमें विष्णु के दस अवतारों का साक्ष्य मिला है।

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