पश्चिमी कला इतिहास की विस्तृत टाइमलाइन

 

प्रागैतिहासिक कला (लगभग 30,000 ईसा पूर्व – 3000 ईसा पूर्व)

  • फ्रांस की लास्को (Lascaux) और स्पेन की अल्तामीरा (Altamira) गुफाओं में अद्भुत भित्ति-चित्र।

  • शिकार और दैनिक जीवन के दृश्यों का चित्रण, जानवरों की आकृतियाँ।

  • मूर्तियों में वीनस फिगरीन्स (Venus figurines) जैसे छोटे स्त्री-प्रतिमाएँ, जो प्रजनन और मातृत्व प्रतीक मानी जाती हैं।


2. प्राचीन शास्त्रीय कला (ग्रीक और रोमन, लगभग 600 ईसा पूर्व – 400 ईस्वी)

  • यूनानी कला – अनुपात, सौंदर्य और आदर्श मानवी आकृतियों पर ज़ोर। पार्थेनन मंदिर जैसी अद्वितीय वास्तुकला।

  • रोमन कला – यथार्थवादी चित्रांकन, मेहराब (arch), गुंबद (dome) और कंक्रीट आधारित निर्माण।

  • मोज़ाइक, भित्तिचित्र और मूर्तिकला में साम्राज्यवादी वैभव।


3. मध्यकालीन कला (5वीं – 15वीं शताब्दी)

  • बाइज़ेंटाइन कला – धार्मिक आइकॉन, मोज़ाइक और चर्च वास्तुकला (हागिया सोफिया)।

  • रोमानेस्क कला – मोटी दीवारों, अर्धगोलाकार मेहराबों और गुम्बदों वाले चर्च।

  • गोथिक कला – नुकीले मेहराब, रंगीन काँच की खिड़कियाँ (स्टेंड ग्लास), और कैथेड्रल्स (नोट्रे-डेम, चार्ट्रेस)।


4. पुनर्जागरण कला (14वीं – 17वीं शताब्दी)

  • इटली से प्रारंभ होकर यूरोप में प्रसार।

  • ह्यूमनिज़्म (मानव-केंद्रित दृष्टिकोण) पर बल।

  • प्रमुख कलाकार: लियोनार्डो दा विंची, माइकलएंजेलो, राफेल, टिशियन

  • दृष्टि-बिंदु (perspective), यथार्थवाद, और शारीरिक रचना की गहरी समझ।


5. बारोक और रोकोको कला (17वीं – 18वीं शताब्दी)

  • बारोक कला – नाटकीयता, प्रकाश और छाया का गहरा उपयोग (कैरेवज्जियो, रेम्ब्रांट, वेलाज़्केज़)।

  • धार्मिक और शाही सत्ता का भव्य प्रदर्शन।

  • रोकोको कला – हल्की-फुल्की, सजावटी, सुरुचिपूर्ण और राजदरबार-केंद्रित (वाटो, फ्रागोनार्ड)।


6. नवशास्त्रवाद, रोमांटिसिज़्म और यथार्थवाद (18वीं – 19वीं शताब्दी)

  • नवशास्त्रवाद – ग्रीक-रोमन आदर्शों की पुनः खोज (जैक्स-लुई डेविड)।

  • रोमांटिसिज़्म – भावनाओं, प्रकृति और कल्पना पर ज़ोर (डेलाक्रुआ, टर्नर, गोया)।

  • यथार्थवाद – समाज और श्रमिक वर्ग की सच्चाई को चित्रित करना (गुस्ताव कूर्बे)।


7. आधुनिक कला (19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध – 20वीं शताब्दी के मध्य तक)

  • इम्प्रेशनिज़्म – प्रकाश और क्षण को पकड़ने की शैली (माने, मोने, रेनोआ)।

  • पोस्ट-इम्प्रेशनिज़्म – अधिक भावनात्मक और संरचनात्मक दृष्टि (विन्सेंट वैन गॉग, सेज़ान, गोगां)।

  • एक्सप्रेशनिज़्म, फ्यूचरिज़्म, क्यूबिज़्म (पिकासो, ब्राक), सुररियलिज़्म (दाली), दादा आंदोलन

  • अमूर्त कला और नई सामग्री/तकनीकों का प्रयोग।


8. समकालीन कला (20वीं शताब्दी के उत्तरार्ध – 21वीं शताब्दी)

  • पॉप आर्ट (एंडी वारहोल, लिक्टेंस्टाइन)।

  • मिनिमलिज़्म, कॉन्सेप्चुअल आर्ट, परफॉर्मेंस आर्ट

  • डिजिटल मीडिया, इंस्टॉलेशन आर्ट, वीडियो आर्ट, आर्ट-एंड-टेक्नोलॉजी प्रयोग।

  • सामाजिक, राजनीतिक और व्यक्तिगत मुद्दों की अभिव्यक्ति।

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