चित्रकला के तत्व वे बुनियादी घटक होते हैं जिनका उपयोग कलाकार अपनी कलाकृति को प्रभावी बनाने के लिए करता है। भारतीय कलाशास्त्र और आधुनिक कला दोनों में इन तत्वों का विशेष महत्व है।
चित्रकला के छह प्रमुख तत्व हैं:
रेखा (Line): कला का सबसे प्राचीन तत्व।
रूप (Form): आकार और संरचना का निर्माण।
वर्ण (Colour): रंग और उसके प्रभाव।
तान (Tone): रंग का हल्का या गहरापन।
पोत (Texture): सतह की बनावट।
अंतराल (Space): वह स्थान जहाँ कलाकृति का निर्माण होता है।
1. रेखा (Line)
रेखा दो बिंदुओं या दो सीमाओं के बीच की दूरी होती है। यह कलाकृति में गति और दिशा का आभास कराती है।
परिभाषा: दो बिंदुओं के बीच की सूक्ष्म दूरी जो गति को दर्शाती है।
अनुभूत रेखा: जब दो बिंदुओं के बीच कोई रेखा नहीं खींची जाती, फिर भी रेखीय प्रभाव महसूस होता है।
प्रकार:
औपचारिक रेखा: ज्यामितीय रेखाएं जो यंत्रों से खींची जाती हैं (जैसे, स्थापत्य कला में)।
अनौपचारिक रेखा: हाथ से खींची गई या लिपियों से जुड़ी रेखाएं जो प्राकृतिक और सहज होती हैं।
रेखाओं के प्रभाव: रेखाएं अलग-अलग भाव जगाती हैं:
सीधी खड़ी रेखा (लंबवत): ऊँचाई, गौरव, दृढ़ता, स्थिरता।
सीधी पड़ी रेखा (क्षैतिज): मानसिक शांति, विश्राम, स्थिरता।
कोणीय रेखाएं: व्याकुलता, संघर्ष, बेचैनी।
कर्णवत/तिरछी रेखाएं: क्रिया, गति।
वृत्ताकार/सर्पाकार रेखाएं: भ्रम, गति, उत्तेजना।
प्रवाह रेखाएं (लयबद्ध): गति, लावण्य, माधुर्य।
रेखांकन के प्रकार:
स्वतंत्र रेखांकन: वस्तु को देखकर मन पर पड़े प्रभाव से उत्पन्न रेखाएं।
स्मृति रेखांकन: देखी हुई आकृति को याददाश्त के आधार पर हूबहू बनाना।
प्रतिरूपात्मक रेखांकन: जैसा देखते हैं, वैसा ही बनाने का प्रयास करना।
यांत्रिक रेखांकन: यंत्रों से खींची गई रेखाएं जिनका कोई कलात्मक प्रभाव नहीं होता।
सीमांत रेखांकन: छाया और प्रकाश से उत्पन्न रेखाएं।
सांकेतिक रेखांकन: वस्तु के आयतन और स्थान को दर्शाने वाली रेखाएं।
प्राकृतिक रेखांकन: प्रकृति की वस्तुओं का चित्रण।
वस्तु रेखांकन: वस्तुओं के समूह को दर्शाने वाला रेखांकन।
2. रूप (Form)
रूप वह क्षेत्र है जिसका अपना निश्चित आकार होता है। यह रेखाओं के संयोजन से बनता है।
परिभाषा: किसी भी रंग के क्षेत्र को रूप कहते हैं, जिसका अपना आकार और रंगत होती है।
प्रकार:
सममात्रिक रूप (Symmetrical): वह रूप जो दोनों तरफ से समान होता है (जैसे, घन, वृत्त)।
असममात्रिक रूप (Asymmetrical): वह रूप जिसमें दोनों भाग भिन्न होते हैं (जैसे, विषमकोण, त्रिभुज)।
3. वर्ण/रंग (Colour)
रंग प्रकाश का गुण है और चित्रकला का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है।
वर्ण के गुण:
रंगत (Hue): रंग की प्रकृति (जैसे, लालपन, पीलापन)।
मान (Value): रंग का हल्का या गहरापन (जैसे, हल्का नीला, गहरा नीला)।
सघनता (Intensity): रंग की शुद्धता।
वर्ण के प्रकार:
प्राथमिक रंग: लाल, पीला, नीला। इन्हें अग्रगामी रंग भी कहते हैं।
द्वितीयक रंग: हरा, बैंगनी, नारंगी (प्राथमिक रंगों को मिलाने से बनते हैं)। इन्हें पृष्ठगामी रंग भी कहते हैं।
समीपवर्ती रंग: ऐसे रंग जो एक-दूसरे के निकट होते हैं (जैसे, नीला, हरा, पीला)।
पूरक/विरोधी रंग: वे रंग जो रंग चक्र में एक-दूसरे के विपरीत होते हैं (जैसे, लाल का हरा, नीले का नारंगी)।
एकाकी रंग (Monochrome): एक ही रंग की विभिन्न तानों से बने चित्र।
रंगों के प्रभाव:
उष्ण रंग (Warm Colours): लाल, पीला, नारंगी (उत्तेजना, प्रसन्नता)।
शीतल रंग (Cool Colours): नीला, हरा, बैंगनी (शांति, शीतलता)।
4. तान (Tone)
तान रंगत के हल्के और गहरेपन को कहते हैं। यह चित्र में वस्तुओं को त्रियामी (3D) प्रभाव देता है।
वर्गीकरण:
छाया (Dark): गहरा रंग।
मध्यम प्रकाश (Middle Tint): मध्यम रंग।
प्रकाश (Light): हल्का रंग।
महत्व: तान के प्रयोग से चित्र में वास्तविक आकार और आयतन का आभास होता है।
5. पोत (Texture)
पोत किसी सतह की धरातलीय गुणवत्ता या बनावट है। इसे देखकर या छूकर महसूस किया जा सकता है।
प्रकार:
प्राप्त पोत: प्राकृतिक या मानव निर्मित वस्तुओं में स्वतः पाया जाने वाला पोत (जैसे, पत्थर की खुरदुरी सतह)।
अनुकृत पोत: प्राकृतिक पोत का अनुकरण करके बनाया गया पोत, जो द्वियामी सतह पर त्रियामी प्रभाव देता है।
सृजित पोत: कलाकार द्वारा कृत्रिम रूप से बनाया गया पोत।
6. अंतराल (Space)
अंतराल वह स्थान है जहाँ कलाकार रूप का निर्माण करता है। यह चित्रकला का एक अनिवार्य तत्व है।
प्राचीन भारतीय ग्रंथों में नाम:
विष्णुधर्मोत्तर पुराण: इसे 'स्थान' कहा गया है।
समरांगण सूत्रधार: 'भूमिबंधन' कहा गया है।
अभिलाषितार्थ चिंतामणि: 'स्थान निरूपण' कहा गया है।
विभाजन:
सम विभाजन: चित्रभूमि को समान भागों में विभाजित करना।
असम विभाजन: चित्रभूमि को कलाकार की इच्छा के अनुसार असमान रूप से विभाजित करना, जिससे चित्र में गति और तनाव आता है।
स्वर्णिम विभाजन: यूक्लिड द्वारा दिया गया एक गणितीय सिद्धांत जो सर्वश्रेष्ठ विभाजन माना जाता है।
अंतराल के प्रकार:
सक्रिय अंतराल: चित्र की मुख्य आकृति या विषय।
सहायक अंतराल: मुख्य आकृति के आसपास का खाली स्थान जो उसे उभारता है।
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