उत्तर-प्रभाववाद (Post-Impressionism)

आपने उत्तर-प्रभाववाद और उसके प्रमुख कलाकारों, पॉल सेज़ान, विंसेंट वान गॉग, और पॉल गॉगिन के बारे में बहुत ही सटीक और व्यापक जानकारी दी है। यह लेख कला इतिहास के इस महत्वपूर्ण काल को समझने में बहुत उपयोगी है।

यहाँ आपके दिए गए नोट्स को एक सुव्यवस्थित और संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत किया गया है:


उत्तर-प्रभाववाद (Post-Impressionism) 🎨

उत्तर-प्रभाववाद 19वीं शताब्दी के अंत में यूरोप में विकसित हुई एक कला शैली थी। यह प्रभाववाद की प्रतिक्रिया में जन्मी, क्योंकि इसके कलाकार केवल बाहरी दृश्य के क्षणिक प्रभाव को चित्रित करने से असंतुष्ट थे। वे अपनी कला में आंतरिक भावनाओं, प्रतीकात्मकता और तर्कपूर्ण विश्लेषण को व्यक्त करना चाहते थे।

यह शब्द सबसे पहले 1906 में कला समीक्षक रोजर फ्राई ने प्रयोग किया था।

उत्तर-प्रभाववाद से तीन प्रमुख कला आंदोलन निकले:

  • सेज़ान की कला से घनवाद (Cubism) का जन्म हुआ।

  • वान गॉग की कला से अभिव्यंजनावाद (Expressionism) का जन्म हुआ।

  • गॉगिन की कला से फाववाद (Fauvism) का जन्म हुआ।


पॉल सेज़ान (Paul Cézanne)

  • जन्म: 1839, निधन: 1906।

  • उपाधियाँ: उन्हें 'उत्तर-प्रभाववाद का जनक' और 'आधुनिक कला का पिता' कहा जाता है।

  • कला सिद्धांत: उन्होंने कला में ज्यामितीय संरचना और ठोस रूप पर जोर दिया।

  • प्रसिद्ध कथन: "मै एक नई कला का आदि प्रणेता हूँ" और "रंग परिप्रेक्ष्य है" (Color is perspective)

  • प्रमुख चित्र:

    • 'ताश खेलने वाले'

    • 'स्नान मग्न युवतियाँ'

    • 'लाल जैकेट पहने हुए लड़का'

    • 'काली घड़ी'


विंसेंट वान गॉग (Vincent van Gogh)

  • जन्म: 30 मार्च 1853, हॉलैंड।

  • कला शैली: उन्होंने अपनी कला में गहरी भावनात्मक अभिव्यक्ति पर जोर दिया, जिससे अभिव्यंजनावाद का सूत्रपात हुआ।

  • प्रमुख चित्र:

    • 'पोटैटो ईटर्स' (आलू भक्षी)

    • 'तारों भरी रात'

    • 'सूरजमुखी के फूल'

    • 'शयन कक्ष'

  • व्यक्तिगत जीवन: वे अपने दुख भरे जीवन और एक घटना के लिए जाने जाते हैं, जिसमें उन्होंने अपनी प्रेमिका के लिए अपना कान काट दिया था।


पॉल गॉगिन (Paul Gauguin)

  • जन्म: 7 जून 1848, पेरिस (फ्रांस)।

  • कला शैली: गॉगिन ने प्रतीकात्मकता और फाववाद की नींव रखी। वे अपनी कला में प्रतीकात्मक और गैर-यथार्थवादी रंगों का उपयोग करते थे।

  • प्रमुख चित्र:

    • "हम कहाँ से आते है? हम क्या है? हम कहाँ जा रहे है?" (यह उनके सबसे प्रसिद्ध चित्रों में से एक है)।

    • 'पीला ईसा'

    • 'आलिव के बगीचे में ईसा'

    • 'चंद्रमा और पृथ्वी'

    • 'फल लिए महिला'

  • जीवन पर आधारित उपन्यास: सोमरसेट मौघम द्वारा लिखित उपन्यास 'द मून एंड सिक्सपेंस' उनके जीवन पर आधारित है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ