लेओनार्दो दा विंची – जीवन एवं कृतित्व (1452–1519)


लेओनार्दो दा विंची – जीवन एवं कृतित्व (1452–1519)

परिचय

  • इतालवी महान कलाकार: चित्रकार, मूर्तिकार, वास्तुशिल्पी, संगीतज्ञ, अभियंता और वैज्ञानिक।

  • जन्म: 1452, विंचि ग्राम (फ्लोरेंस प्रदेश, इटली)।

  • व्यक्तित्व: शारीरिक रूप से सुंदर, स्फूर्तिवान, व्यवहारकुशल और बौद्धिक जिज्ञासा से परिपूर्ण।

प्रारंभिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण

  • बचपन से ही संगीत, चित्रकारी और मूर्तिकला में रुचि।

  • प्रशिक्षण: आंद्रेआ डेल वेरॉक्यो (Andrea del Verrocchio) के शिष्य बने।

  • बाद में मिलान के शासक लुडोविको स्फॉर्ज़ा की सेवा में रहे।

प्रमुख कलाकृतियाँ

  • The Last Supper (अंतिम व्यालू) – मिलान।

  • Mona Lisa (मोनालिसा) – फ्लोरेंस में रचित, अब पेरिस के लूव्र संग्रहालय में।

  • अन्य प्रामाणिक चित्र: लगभग 14 (विभिन्न यूरोपीय संग्रहालयों में सुरक्षित)।

वैज्ञानिक एवं कलात्मक योगदान

  • चित्रकला में प्रकाश-छाया (Light & Shadow), परिप्रेक्ष्य (Perspective), और गति का गहन अध्ययन।

  • शरीररचना, प्रकाशिकी, वनस्पति-विज्ञान, जल-गति-विज्ञान, यांत्रिकी, भूगोल, मौसम-विज्ञान आदि पर अध्ययन व लेखन।

  • “स्फुमाटो तकनीक” का उपयोग, जिससे चित्रों में कोमलता और धुंधलापन आता है।

जीवन के अंतिम वर्ष

  • 1513–1516: रोम में निवास।

  • 1516: फ्रांस के राजा फ्रांसिस प्रथम के आमंत्रण पर अम्ब्वाज़ (Amboise) गए।

  • 1519: अम्ब्वाज़ (फ्रांस) में निधन।

अन्य विशेषताएँ

  • प्रकृति के अनन्य अध्येता – नकल के बजाय मौलिक अवलोकन पर जोर।

  • कला और विज्ञान दोनों क्षेत्रों में एक साथ गहरी खोज।

  • मूर्तियों के प्रमाणिक उदाहरण नहीं, पर कुछ कृतियों को उनसे जोड़ा जाता है।

  • अधूरे ग्रंथ व नोटबुक्स में उनकी असंख्य खोजें और विचार सुरक्षित।

महत्व

  • पुनर्जागरण युग के "सर्वगुणसंपन्न प्रतिभा" (Universal Genius)

  • कला, विज्ञान और इंजीनियरी को जोड़ने वाले प्रथम महान व्यक्तित्वों में से एक।

  • आज भी उनके चित्र और नोटबुक्स यूरोपीय सांस्कृतिक धरोहर माने जाते हैं।

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