सुधीर रंजन खास्तगीर (1907-1974)

परिचय

  • जन्म: 24 सितंबर 1907 को चिटगाँव (वर्तमान बांग्लादेश) में।

  • निधन: 27 मई 1974 को कोलकाता में, 66 वर्ष की आयु में।

  • पारिवारिक पृष्ठभूमि: उनके पूर्वजों को मुगलों द्वारा 'खास्तगीर' की उपाधि दी गई थी।

  • कला शैली: बंगाल शैली के कलाकार।

  • कलाकार की पहचान: वे मुख्य रूप से एक मूर्तिकार थे और गौण रूप से एक चित्रकार के रूप में जाने जाते हैं।

  • रुचि: वे बाँसुरी बजाते थे और उन्हें 'लोक कला जीवन का कलाकार' कहा जाता है।


शिक्षा और करियर

  • गुरु: अवनींद्रनाथ टैगोर और उसके बाद नंदलाल बोस के शिष्य थे।

  • शिक्षा: कला में परास्नातक डिग्री प्राप्त करने वाले वे पहले भारतीय कलाकार थे।

  • शिक्षण कार्य:

    • दून स्कूल, देहरादून: 1935 में स्थापित इस स्कूल के वे प्रथम कला शिक्षक नियुक्त हुए।

    • शांतिनिकेतन, सिंधिया स्कूल ग्वालियर, लखनऊ आर्ट स्कूल: इन संस्थानों में भी उन्होंने शिक्षण कार्य किया।

    • गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स, लखनऊ: 1956 में यहाँ के प्राचार्य बने।

  • शिष्य: उनके प्रमुख शिष्यों में मदनलाल नागर, रणवीर सिंह बिष्ट, और अवतार सिंह पंवार शामिल थे।

  • विदेश में शिक्षा: 1937 में उन्होंने इंग्लैंड में एरिक गिल से कांस्य ढलाई की शिक्षा ली।


पुरस्कार और प्रमुख कृतियाँ

  • पद्म श्री: 1957 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री पुरस्कार प्राप्त करने वाले वे पहले कलाकार थे।

  • सर्वश्रेष्ठ मूर्तिशिल्प:

    • 'डॉटर ऑफ द स्वॉयल' (Daughter of the Soil): इस कृति को मद्रास फाइन आर्ट्स सोसाइटी की प्रदर्शनी में पहला पुरस्कार मिला।

  • अन्य प्रमुख मूर्तिशिल्प:

    • 'भूख' (Hunger): प्लास्टर से बना, राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय, नई दिल्ली में संग्रहित।

    • 'विंटर' और 'माँ और शिशु'

    • उनके मूर्तिशिल्पों पर यूरोपीय कलाकार रोदा का प्रभाव दिखाई देता है।

  • प्रमुख चित्र:

    • 'बाउल डांस'

    • 'विश्राम' (कागज पर टेम्परा, राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय, नई दिल्ली में संग्रहित)।

    • 'टोरसों' (लिनो माध्यम में)।

    • 'अमलतास पर कौवे', 'भिक्षुणी', 'दीपावली', 'तूफान में यात्रा', 'रवींद्रनाथ टैगोर'

    • उन्होंने रवींद्रनाथ टैगोर की कृतियों को बार-बार अंकित किया।


प्रदर्शनियाँ और संग्रह

  • प्रथम प्रदर्शनी: 1934 में इंडिया सोसाइटी, लंदन में आयोजित की गई।

  • एकल प्रदर्शनियाँ: उन्होंने इंडिया हाउस लंदन, इलाहाबाद, लाहौर, मुंबई, शांतिनिकेतन, कोलकाता और दिल्ली सहित कई स्थानों पर एकल प्रदर्शनियाँ आयोजित कीं।

  • संग्रहालयों में संग्रह:

    • लखनऊ संग्रहालय

    • इलाहाबाद संग्रहालय

    • कोलकाता संग्रहालय

    • राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय, नई दिल्ली

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ