यूनानी कला का संक्षिप्त परिचय

यूनानी कला का विकास कई चरणों में हुआ, जिसमें मुख्य रूप से चार युग शामिल हैं:

  1. ज्यामितीय युग (Geometrical Period): 900-600 ईसा पूर्व

  2. आर्केइक युग (Archaic Period): 600-480 ईसा पूर्व

  3. शास्त्रीय युग (Classical Period): 480-323 ईसा पूर्व

  4. हेलेनिस्टिक युग (Hellenistic Period): 323-30 ईसा पूर्व


हेलेनिस्टिक युग (Hellenistic Period): 323-30 ईसा पूर्व 🏺

यह युग सिकंदर महान की मृत्यु (323 ईसा पूर्व) के बाद शुरू हुआ और रोम द्वारा सत्ता हस्तगत किए जाने तक चला। यह कला केवल यूनान तक सीमित नहीं रही, बल्कि यूनानी सभ्यता एशिया और यूरोप के संपर्क में आई, जिससे एक नई 'हेलेनिस्टिक कला' का जन्म हुआ।

मुख्य विशेषताएँ

  • अतिरंजित यथार्थवाद: इस युग की कला में भावनाओं, नाटक और गति को अतिरंजित रूप से दर्शाया गया, जो शास्त्रीय युग के शांत और आदर्शवादी चित्रण से भिन्न था।

  • समूहात्मक मूर्तियाँ: कलाकारों ने बड़े पैमाने पर और जटिल समूहात्मक मूर्तियों का निर्माण किया, जो इस युग की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

प्रमुख कलाकृतियाँ

  • लाओकून और उसके पुत्र (Laocoön and His Sons): संगमरमर से निर्मित यह प्रतिमा अपने नाटकीय और भावनात्मक चित्रण के लिए प्रसिद्ध है। यह वेटिकन संग्रहालय, रोम में सुरक्षित है।

  • मरता हुआ गॉल (Dying Gaul): यह प्रतिमा युद्ध में हारे हुए योद्धा की पीड़ा और सम्मान को दर्शाती है। इसकी रोमन अनुकृति रोम के कैपिटोलिन संग्रहालय में है।

  • वीनस-डी-मिलो (Venus-de-Milo): यह प्रेम की देवी एफ्रोडिटी की एक प्रसिद्ध मूर्ति है, जो पेरिस के लूव्र संग्रहालय में प्रदर्शित है।

  • सेमोथ्रेस की पंखयुक्त विजयश्री (Winged Victory of Samothrace): यह विजय देवी नाइकी की एक शानदार प्रतिमा है, जिसमें गति और ऊर्जा का अद्भुत चित्रण है। यह भी लूव्र संग्रहालय में है।


यूनानी कला के अन्य महत्वपूर्ण युग

1. क्रीटन-माइसीनियन कला (Cretan-Mycenaean Art)

  • यह कांस्य युग से संबंधित है और इसने यूनानी शास्त्रीय कला की नींव रखी।

  • माइसीनियन कला का विकास यूनान में हुआ, और यह अपनी बारीक और आलंकारिक शैली के लिए जानी जाती है।

  • क्रीट की कला में समुद्री जीवन और प्राकृतिक दृश्यों का चित्रण मिलता है।

  • होमर द्वारा रचित महाकाव्य 'इलियड' और 'ओडिसी' इस काल के बारे में जानकारी देते हैं।

2. शास्त्रीय युग (Classical Period)

  • इस युग को यूनानी कला का स्वर्णकाल माना जाता है।

  • शांति और संतुलन: इस समय की कला में आदर्शवाद, संतुलन और मानव शरीर के आदर्श रूपों को दर्शाया गया।

  • प्रमुख मूर्तिकार:

    • फिडियास (Phidias): उन्होंने एथेंस में पार्थेनन मंदिर के लिए देवी एथेना की विशाल प्रतिमा बनाई।

    • माइरन (Myron): उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति 'डिस्कोबोलस' (चक्का फेंकने वाला) है।

    • पॉलिक्लिटोस (Polyclitus): उन्होंने 'डोरोफोरस' (भाला लिए मल्ल) जैसी आदर्श मानव आकृतियों का निर्माण किया।

  • प्रमुख चित्रकार: एपेलीस (Apelles), जो सिकंदर महान के दरबारी चित्रकार थे।


अन्य महत्वपूर्ण तथ्य

  • गांधार कला: भारत में गांधार कला पर हेलेनिस्टिक कला का गहरा प्रभाव देखा जा सकता है।

  • वास्तुकला: पार्थेनन मंदिर, जो देवी एथेना को समर्पित है, इस युग की वास्तुकला का सबसे उत्कृष्ट उदाहरण है।

  • दर्शन: सुकरात, प्लेटो और अरस्तू जैसे महान दार्शनिकों का उदय इसी समय हुआ।

  • पात्र चित्रकला: यूनानी कला के बारे में अधिकांश जानकारी मिट्टी के पात्रों (वाश) पर बनी चित्रकला से मिलती है, जिसमें काली आकृति (Black Figure) और लाल आकृति (Red Figure) तकनीक का उपयोग किया गया था।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ