1. परिचय और इतिहास
अर्थ: "दो नदियों के बीच का प्रदेश"।
नदियाँ: दजला (टिगरीस) और फरात (यूफ़्रेट्स)।
सभ्यताएँ: सुमेरिया, अक्कद, बेबीलोनिया, असीरियन, और कैल्डियन।
समयकाल: 6500 से 500 ई.पू. तक। इसे विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक माना जाता है।
कला केंद्र: शास्त्रीय यूनानी कला से पहले यह सबसे उन्नत कला केंद्र था।
खोज: इसकी खुदाई और खोज का मुख्य श्रेय सर लियोनार्ड वूली और कोल्डवे को जाता है।
हड़प्पा सभ्यता से संबंध: हड़प्पा सभ्यता में मेसोपोटामिया को मेलुहा कहा गया है।
2. वास्तुकला और मूर्तिकला
वास्तुकला:
प्राचीनतम मंदिर: पाँचवीं सहस्राब्दी ई.पू. का एरिदू का मंदिर।
पूजागृह: पर्वताकार ढाँचे जिन्हें 'जिग्गुरत' कहते थे।
जिग्गुरत का अर्थ: सुमेरियन भाषा में इसका अर्थ 'पर्वत निवास' है।
प्रसिद्ध जिग्गुरत: उरूक में अन, इनना, और इया।
नींव: बेबीलोन नगर की नींव सारगन महान ने रखी।
बेबीलोन के बाग: बेबीलोन के झूलते हुए बाग विश्व के सात आश्चर्यों में गिने जाते हैं। इन्हें कैल्डियन युग में शासक नेबुखद्नेज्जर ने बनवाया था।
मूर्तिकला:
सुमेरियन मूर्तिकला में निपुण थे।
असीरिया कला में: मानव मुख वाले, पंख धारण किए हुए साँड पाए गए हैं।
3. चित्रकला
रंगों का प्रयोग: बेबीलोन के चित्रकार सात रंगों का प्रयोग करते थे।
विषय: नव असुरीकाल में विजय अभियानों, आखेट (शिकार) और धार्मिक कृत्यों का चित्रण हुआ।
मेसोपोटामिया के प्रमुख चित्र: घायल शेरनी, मर रहा शेर, और आराम कर रही शेरनी।
अन्य तथ्य:
बेबीलोन के राजमहलों और देवालयों के चित्र जर्मनी संग्रहालय में हैं।
कला में संगीतात्मक सौंदर्य: असुर बनीपाल के शासन काल में इसका जन्म हुआ।
4. लिपि, धर्म और अन्य आविष्कार
लिपि:
मेसोपोटामिया के निवासियों ने गीली मिट्टी के फलकों पर किलाक्षर लिपि (क्यूनीफॉर्म) में लिखा।
हेनरी रॉलिंसन पहले ब्रिटिश अधिकारी थे जिन्होंने इस लिपि को पढ़ा था।
विश्व में सर्वप्रथम लिपि का आविष्कार सुमेरियन लोगों ने किया।
वर्णमाला: इसका प्रयोग सर्वप्रथम फ़िनीशिया में हुआ।
धर्म और देवता:
चंद्रमा की देवी सिन: इनकी पूजा प्रचलित थी, और इनसे संबंधित भग्नावशेष सर्वाधिक प्राचीन हैं।
बेबीलोन के प्रमुख देवता: श्मास (सूर्य)। मेसोपोटामिया में सूर्य को ही प्रकाश का देवता माना जाता था।
अन्य आविष्कार:
पहिए का आविष्कार: कुम्हार के चाक का प्रयोग सबसे पहले मेसोपोटामिया में हुआ।
धातु: यह सबसे प्राचीन कांस्ययुगीन सभ्यता थी।
शीशा: इसका प्रयोग सबसे पहले मेसोपोटामिया में हुआ।
पंचांग: इसका आविष्कार भी मेसोपोटामिया में हुआ।
लेखन पद्धति: इसका विकास सर्वप्रथम सुमेर के निवासियों ने किया।
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