एन.एस. बेंद्रे: एक परिचय


नारायण श्रीधर बेंद्रे, जिन्हें एन.एस. बेंद्रे के नाम से जाना जाता है, एक प्रमुख भारतीय कलाकार थे। उनका जन्म अगस्त 1910 में मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। वह अपने चित्रकला में बिंदुवाद (Pointillism) और नव-प्रभाववाद (Neo-Impressionism) के लिए जाने जाते हैं।

शिक्षा और करियर

  • शिक्षा:

    • उन्होंने इंदौर में डी.डी. देवलालीकर से कला की शिक्षा प्राप्त की।

    • 1933 में, उन्होंने मुंबई के जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट से कला में डिप्लोमा प्राप्त किया।

  • पेशेवर जीवन:

    • उन्होंने मद्रास की एक फिल्म कंपनी में कला निर्देशक के रूप में काम किया।

    • उन्होंने कश्मीर सरकार के 'विजिटर्स ब्यूरो' में कलाकार-पत्रकार के रूप में भी कार्य किया।

    • 1950 में, उन्हें बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय के ललित कला संकाय में प्रथम रीडर (व्याख्याता) के रूप में नियुक्त किया गया, जहाँ वे बाद में अध्यक्ष बने।

  • प्रभाव: बेंद्रे ने प्रभाववाद (Impressionism) और घनवाद (Cubism) जैसी शैलियों को अपनाकर अपनी रचनाओं को जीवंतता प्रदान की।

प्रमुख कृतियाँ और विषय-वस्तु

बेंद्रे के चित्रों में मुख्य रूप से वास्तुशिल्प रूप, प्रकृति और लोक जीवन की आकृतियाँ शामिल हैं। उनके चित्र में बिंदुओं का बहुतायत से प्रयोग दिखाई देता है।

  • 'आफ्टर द रेस' (After the Race): यह तैल माध्यम से बना उनका एक प्रसिद्ध चित्र है।

  • 'गपशप': 1955-65 की अवधि में कैनवास पर तैल माध्यम से बना यह चित्र ललित कला अकादमी, नई दिल्ली में संग्रहित है।

  • 'काँटा': 1955 में बना यह तैल चित्र राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय, नई दिल्ली में सुरक्षित है।

  • अन्य प्रसिद्ध चित्र:

    • 'सौराष्ट्र के बारवाड़' (1956)

    • 'तीन औरतें' (1984)

    • 'बर्तन बाजार' (1993)

    • 'सूर्यमुखी फूल'

    • 'ज्येष्ठ की दोपहर'

    • 'दार्जिलिंग के चाय के बागान की युवती'

    • 'तोता और चमेलियन'

पुरस्कार और सम्मान

  • बॉम्बे आर्ट सोसाइटी का स्वर्ण पदक: 1941

  • पद्म श्री: 1969

  • कालिदास सम्मान: 1986-87

  • पद्म भूषण: 1992

  • ललित कला अकादमी फेलोशिप: 1974

शिष्य

एन.एस. बेंद्रे ने कई प्रसिद्ध कलाकारों को प्रशिक्षित किया। उनके प्रमुख शिष्यों में शामिल हैं:

  • ज्योति भट्ट

  • त्रिलोक कौर

  • शांति दवे

  • जी.आर. संतोष

  • रतन परिमू

  • गुलाम मुहम्मद शेख

अंतिम जीवन

एन.एस. बेंद्रे का निधन 19 फरवरी 1992 को मुंबई में हुआ था।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ