परिचय
जन्म: 10 मार्च 1934 को मुंबई में।
निधन: 8 अगस्त 2003 को।
शिक्षा: कला की शिक्षा सर जे. जे. स्कूल ऑफ आर्ट से और कला शिक्षण बड़ौदा विश्वविद्यालय से प्राप्त किया।
कलाकार का प्रकार: भारतीय समकालीन कला के अग्रणी कलाकार और आधुनिक पॉप कला के जनक। वह एक ग्राफिक्सकार भी थे।
प्रेरणा: 1960 के दशक में रामकुमार के दृश्य चित्रों से प्रभावित हुए थे।
प्रमुख विशेषताएँ और विषय
समलैंगिकता:
1980 के दशक में समलैंगिकता को खुलकर चित्रित करने वाले भारत के पहले चित्रकार थे।
उन्होंने इस विषय पर चित्रों की एक शृंखला तैयार की।
कला शैली:
उनके काम की तुलना ब्रिटिश कलाकार डेविड हॉकनी से की जाती है।
उन्होंने लोकप्रिय छपे हुए चित्रों और कैलेंडरों का उपयोग अपने चित्रों में किया।
उन्होंने ट्रक पर आधारित चित्रों की भी एक शृंखला बनाई।
अन्य विषय:
आम लोगों के दैनिक जीवन की घटनाएँ।
देवी-देवताओं का चित्रण।
श्री नाथ जी का चित्र।
प्रदर्शनी और सम्मान
पहली प्रदर्शनी: 1965 में मुंबई में अपनी पहली एकल प्रदर्शनी लगाई।
पुरस्कार: मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कालिदास सम्मान प्राप्त हुआ।
अन्य प्रदर्शनियाँ: उन्होंने मुंबई, दिल्ली, लंदन, वाशिंगटन, पेरिस, जर्मनी, इटली और स्पेन जैसे देशों में भी प्रदर्शनियाँ कीं, जिसमें मॉन्ट्रियल (स्पेन) में हुई उनकी एक पूर्वव्यापी (रेट्रोस्पेक्टिव) प्रदर्शनी भी शामिल है।
महत्वपूर्ण कृतियाँ और तथ्य
जनता वाच रिपेयरिंग (1972): एक प्रसिद्ध चित्र।
टू मेन इन बनारस: 22.21 करोड़ रुपये में नीलाम हुई।
प्लास्टिक के फूलों के गुलदस्ते के साथ पुरुष (1975): राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय, नई दिल्ली में संग्रहित है।
टाइगर एंड स्टैग: 5.06 करोड़ रुपये में नीलाम हुई।
दुर्जनो की गैलरी (1993): इस चित्र में उन्होंने खुद को भी चित्रित किया था।
कला पत्रिका: उनकी लिथोग्राफ कला पत्रिका 'वृश्चिक' (अप्रैल-मई 1972) के मुखपृष्ठ पर प्रकाशित हुई थी।
अन्य प्रमुख चित्र
तुम सब को खुश नहीं रख सकते
जनता वाच रिपेयरिंग (1972)
पोर्ट्रेट ऑफ शंकर भाई पटेल
नियर रेड फोर्ट (1972)
जलेबी खाता हुआ आदमी
गोवा के मछुआरे
गुरु जयंती उत्सव (1980)
मस्जिद के आस-पास मुसलमान (2001)
सखीभाव (1995)
सत्संग (1988)
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