अजंता की गुफाएं: बौद्ध कला और संस्कृति का केंद्र

 

अवलोकन

  • स्थान: अजंता की गुफाएँ महाराष्ट्र के औरंगाबाद से लगभग 106 किमी की दूरी पर, बाघोरा नदी के किनारे सह्याद्रि पर्वतमाला में अर्धचंद्राकार रूप में स्थित हैं।

  • समयकाल: इनका निर्माण 200 ईसा पूर्व से 650 ईस्वी के बीच हुआ।

  • कुल गुफाएँ: कुल 30 गुफाएँ हैं (मूल रूप से 29, बाद में 14 और 15 के बीच 15A को भी जोड़ा गया)।

  • खोज: आधुनिक समय में इनकी खोज जॉन स्मिथ ने 1819 में की थी। हालांकि, चीनी यात्री ह्वेन त्सांग और फ़ाह्यान ने पहले ही इनका उल्लेख किया था।

  • विश्व धरोहर: 1983 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया।

  • चित्रों का वर्गीकरण: वाचस्पति गैरोला के अनुसार, चित्रों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है:

    1. आलंकारिक: फूल, पत्ती, पशु, पक्षी, यक्ष, अप्सरा आदि।

    2. रूपभेदिक: पद्मपाणि, वज्रपाणि, बोधिसत्व आदि।

    3. वर्णात्मक: जातक कथाओं पर आधारित चित्र (जैसे, ब्राह्मण जातक, छदंत जातक)।


गुफाओं का वर्गीकरण और विशेषताएँ

अजंता की गुफाओं को उनकी वास्तुकला और धार्मिक शैली के आधार पर वर्गीकृत किया गया है:

  • चैत्य गुफाएँ (पूजा स्थल): गुफा संख्या 9, 10, 19, 26, 29

  • विहार गुफाएँ (भिक्षुओं का निवास): शेष सभी गुफाएँ।

  • हीनयान गुफाएँ (बुद्ध की मूर्ति नहीं): गुफा संख्या 8, 9, 10, 11, 12, 13

  • महायान गुफाएँ (बुद्ध की मूर्ति सहित): बाकी की सभी गुफाएँ।


प्रमुख गुफाओं के चित्र और महत्वपूर्ण तथ्य

गुफा संख्यासमयकालप्रमुख चित्र/विशेषता
09 & 10200 ईसा पूर्व - 300 ईस्वीसबसे प्राचीन गुफाएँ। स्तूप पूजा, साम जातक, छदंत जातक।
16 & 17475 ईस्वी - 500 ईस्वीगुप्तकाल। गुफा 16: 'मरणासन्न राजकुमारी'। गुफा 17: 'चित्रशाला' या सबसे अधिक चित्र वाली गुफा, 'हंस जातक', 'यशोधरा की भिक्षा'।
01 & 02500 ईस्वी - 628 ईस्वीसबसे नवीन गुफाएँ। गुफा 01: 'पद्मपाणि बोधिसत्व', 'वज्रपाणि', 'मार विजय'। गुफा 02: 'विदुर पंडित जातक', 'दो अंगूठे वाली रमणी'।
  • रंग: चित्रों में खनिज रंगों (गेरू, खड़िया, काजल) का प्रयोग किया गया है। नीला रंग (लैपिस लाजुली) फारस से आता था।

  • तकनीक: भित्ति चित्रण 'फ्रेस्को सेक्को' (सूखी दीवार) तकनीक में किया गया है।

  • कला का संगम: अजंता मूर्तिकला, स्थापत्य कला और चित्रकला का अद्भुत संगम है।

  • रेखाएँ: चित्रों में विभिन्न भावों को दर्शाने के लिए 20 प्रकार की रेखाओं का प्रयोग किया गया है।

  • अलंकरण: सर्वाधिक अलंकरण गुफा संख्या 1 में पाया जाता है।

यह सारांश अजंता के ऐतिहासिक, कलात्मक और धार्मिक महत्व को संक्षेप में प्रस्तुत करता है।

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