नवशास्त्रीयतावाद (Neo-Classicism)

अवलोकन

  • समयकाल: 1770-1830 ईस्वी।

  • उद्भव: यह 18वीं शताब्दी में बरोक और रोकोको शैलियों की अतिरंजना की प्रतिक्रिया के रूप में उभरा। यह आंदोलन मुख्य रूप से रोम, फ्रांस और इंग्लैंड में विकसित हुआ।

  • विशेषताएँ:

    • नवशास्त्रीयतावाद प्राचीन ग्रीक और रोमन आदर्शों पर आधारित था।

    • कलाकार तर्कसंगतता, स्पष्टता, कठोरता और शांत भव्यता पर जोर देते थे।

    • विषयों में अक्सर ऐतिहासिक, पौराणिक और देशभक्ति की कहानियाँ शामिल होती थीं।


प्रमुख कलाकार और उनके योगदान

1. जैक्स-लुई दाविद (Jacques-Louis David)

  • उपाधि: उन्हें 'नवशास्त्रीयतावाद का जन्मदाता' और 'फ्रेंच पेंटिंग का सीज़र' कहा जाता है।

  • योगदान: उन्होंने अपनी कला के माध्यम से फ्रांसीसी क्रांति में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वह नेपोलियन बोनापार्ट के आधिकारिक चित्रकार थे।

  • प्रमुख चित्र:

    • 'होरेशिया का प्रण' (Oath of the Horatii): यह 1785 में बना चित्र नवशास्त्रीयतावाद का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कार्य माना जाता है।

    • 'सुकरात की मृत्यु' (The Death of Socrates): इसमें सुकरात की दार्शनिक दृढ़ता को दर्शाया गया है।

    • 'नेपोलियन आल्प्स पार करते हुए' (Napoleon Crossing the Alps)

    • 'मारा की मृत्यु' (The Death of Marat)

2. जीन-अगस्त डोमिनिक अंग्र (Jean-Auguste Dominique Ingres)

  • योगदान: अंग्र, दाविद के शिष्य थे और नवशास्त्रीयतावादी शैली के दूसरे प्रमुख कलाकार थे।

  • शैली: वह एक उत्कृष्ट रेखाचित्रकार थे। उनका मानना था कि रेखांकन रंग से अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने रूबेंस और वान डाइक जैसे कलाकारों को 'रंगों का बुरा स्कूल' (Bad School of Color) कहा।

  • प्रमुख चित्र:

    • 'तुर्की हमामखाना' (The Turkish Bath): 82 साल की उम्र में बना यह चित्र उनकी सबसे प्रसिद्ध कृतियों में से एक है।

    • 'पोट्रेट ऑफ लुई-फ्रांकोइस बर्टिन'

    • 'प्रेरणा'

    • 'ला सोर्स' (The Source)

3. लोरेंजो बार्टोलिनी (Lorenzo Bartolini)

  • योगदान: वह एक प्रमुख इतालवी मूर्तिकार थे। उन्होंने अपने समकालीन एंटोनियो कैनोवा से प्रेरणा ली और नवशास्त्रीयतावाद से जुड़ गए।

  • प्रमुख कार्य:

    • 'ला टेबल ऑक्स एमोर्स' (La table aux Amours): यह एक प्रसिद्ध संगमरमर की मूर्ति है।

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