बरोक कला 17वीं और 18वीं शताब्दी के दौरान विकसित हुई एक कला शैली थी। यह कला पुनर्जागरण कला की तर्कसंगतता और शांत संतुलन के विपरीत थी, और इसमें अधिक भावनात्मकता, नाटकीयता और गति पर जोर दिया गया था।
समयकाल और उत्पत्ति: बरोक कला का जन्म 16वीं शताब्दी के अंत में इटली में हुआ और यह 1600 से 1800 ईस्वी तक पूरे यूरोप में फैली रही। 'बरोक' शब्द का अर्थ है 'अव्यवस्थित रूप' या 'भौंडे आकार का मोती', जो इस शैली की अपरंपरागत और अतिरंजित प्रकृति को दर्शाता है।
प्रमुख विशेषताएँ:
नाटकीय प्रकाश-छाया (Chiaroscuro): इस शैली में प्रकाश और छाया का नाटकीय उपयोग किया गया, जिसे अक्सर टेनेब्रिज्म (Tenebrism) कहा जाता है। इसका उद्देश्य दृश्य में तनाव और भावनात्मकता उत्पन्न करना था।
गति और भव्यता: रचनाओं में गति, ऊर्जा और भव्यता की भावना दिखाई देती है। आकृतियाँ अक्सर घुमावदार और जटिल मुद्राओं में होती हैं।
धार्मिक विषय: बरोक कला का उपयोग अक्सर कैथोलिक चर्च द्वारा प्रति-सुधार आंदोलन (Counter-Reformation) के हिस्से के रूप में किया गया, ताकि लोगों में धार्मिक भावनाओं को पुनर्जीवित किया जा सके।
प्रमुख कलाकार:
कैरेवेज्जियों (Caravaggio): बरोक कला के जन्मदाता। वे अपने यथार्थवाद और तीव्र प्रकाश-छाया के लिए प्रसिद्ध हैं। उनके प्रसिद्ध चित्र 'द कार्डशार्प्स' और 'सेंट मैथ्यू का बुलावा' हैं।
पीटर पाल रूबेन्स (Peter Paul Rubens): फ्लेमिश कलाकार, जो अपनी गतिशील रचनाओं और मांसल, लावण्यपूर्ण स्त्री आकृतियों के लिए जाने जाते हैं। उनकी प्रसिद्ध कृतियों में 'द डिसेंट फ्रॉम द क्रॉस' शामिल है।
रेम्ब्रांट वैन राइन (Rembrandt van Rijn): डच स्वर्ण युग के महानतम चित्रकार। वे अपने नाटकीय प्रकाश, गहन व्यक्ति-चित्रण और आत्म-चित्रों के लिए जाने जाते हैं। उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति 'द नाइट वॉच' है।
रोकोको कला (Rococo Art) ✨
रोकोको कला 18वीं शताब्दी के प्रारंभ में विकसित हुई। यह बरोक कला के बाद आई और उसकी भव्यता तथा गंभीरता से हटकर एक हल्की, चंचल और अधिक सजावटी शैली थी।
समयकाल और उत्पत्ति: रोकोको शैली 18वीं शताब्दी के प्रारंभ में फ्रांस में उत्पन्न हुई। इसका नाम फ्रेंच शब्द 'रोकोय' से आया है, जिसका अर्थ है 'सीप के ऊपर गतिमान वक्र रेखाएँ'। यह शैली फ्रांस के शाही दरबार और उच्च वर्ग के जीवन को दर्शाती थी।
प्रमुख विशेषताएँ:
घुमावदार रेखाएँ और पेस्टल रंग: रोकोको कला में 'C' और 'S' आकार की घुमावदार रेखाओं का बहुत अधिक उपयोग किया जाता था। रंग योजना में हल्के पेस्टल शेड्स (जैसे क्रीम, गुलाबी, नीले) प्रमुख थे।
आंतरिक सज्जा: यह शैली विशेष रूप से आंतरिक सज्जा, फर्नीचर और वास्तुकला में लोकप्रिय थी।
विषय: विषयों में अक्सर प्रेम, चंचलता, काल्पनिक स्वर्ग और रोजमर्रा का हल्का-फुल्का जीवन शामिल होता था, जो बरोक के धार्मिक और गंभीर विषयों से भिन्न था।
प्रमुख कलाकार:
फ्रांकोइस बुशे (François Boucher): रोकोको शैली में सबसे अधिक कार्य करने वाले और सबसे प्रसिद्ध कलाकारों में से एक।
जीन-ऑनर फ्रेगोनार्ड (Jean-Honoré Fragonard): वे अपने आकर्षक और हल्के-फुल्के चित्रों जैसे 'द स्विंग' के लिए जाने जाते हैं।
जीन-एंटोनी वातो (Jean-Antoine Watteau): उन्होंने रोकोको शैली की शुरुआत की और अपने 'फेते गैलांते' (Fêtes Galantes) चित्रों के लिए प्रसिद्ध हैं, जिनमें प्राकृतिक दृश्यों में सुरुचिपूर्ण लोगों को दिखाया जाता था।
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