प्रारंभिक पुनरुत्थान काल की कला (Early Renaissance Art)

  • समयकाल: 1320/30 ई. – 1500 ई.।

  • प्रमुख केंद्र: फ्लोरेंस, इटली।

  • विशेषता: इस काल के कलाकारों ने प्राचीन ग्रीक और रोमन कला के आदर्शों को पुनर्जीवित किया। उन्होंने मानव शरीर-रचना, परिप्रेक्ष्य (Perspective), और भावनाओं के चित्रण पर विशेष ध्यान दिया।


प्रमुख कलाकार और उनकी कृतियाँ

1. दोनातेल्लो (Donatello)

  • समयकाल: 1386–1466 ई.

  • परिचय: फ्लोरेंस के पहले महान मूर्तिकार और 15वीं शताब्दी के सबसे प्रभावशाली शिल्पकार। उन्होंने माइकल एंजेलो से पहले मूर्तिकला को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया।

  • प्रमुख कार्य:

    • डेविड: उन्होंने कांस्य में दो डेविड मूर्तियाँ बनाईं। 1430 ई. में बनी कांस्य की मूर्ति पुनर्जागरण काल की पहली स्वतंत्र, नग्न पुरुष आकृति थी।

    • सेंट जॉर्ज और गैटामेलाटा की अश्वारोही प्रतिमा

2. फ्रा एंजेलिको (Fra Angelico)

  • समयकाल: 1395–1455 ई.

  • परिचय: पुनरुत्थान काल के एक प्रमुख धार्मिक चित्रकार। उनका वास्तविक नाम गुइडो दा पिएत्रो था। उन्हें उनकी कला की कोमलता और धार्मिक विषयों के प्रति उनकी भक्ति के लिए जाना जाता है।

  • प्रमुख कार्य:

    • उन्होंने अपनी कला का उपयोग धर्म के प्रचार के लिए किया।

    • उन्होंने रोम के वेटिकन गिरजाघर और सेंट मार्को कॉन्वेंट में कई भित्तिचित्र बनाए।

    • उनके चित्रों में 'कुमारी का राज्याभिषेक' और 'ईसा का सूली से उतारा जाना' शामिल हैं।

3. पाओलो उच्चेल्लो (Paolo Uccello)

  • समयकाल: 1397–1475 ई.

  • परिचय: उन्हें कला में परिप्रेक्ष्य (Perspective) के वास्तविक आविष्कारक के रूप में जाना जाता है।

  • प्रमुख कार्य:

    • 'सैन रोमानो की लड़ाई' (The Battle of San Romano): यह तीन चित्रों की एक शृंखला है जिसमें उन्होंने परिप्रेक्ष्य का उत्कृष्ट उपयोग किया।

    • 'सेंट जॉर्ज और ड्रैगन'

4. सैंड्रो बोत्तिचेल्ली (Sandro Botticelli)

  • समयकाल: 1445–1510 ई.

  • परिचय: फ्लोरेंस के प्रसिद्ध पैनल चित्रकार। वह फिलीपो लिप्पी के शिष्य थे। उनकी कला में ग्रेसफुल और लंबी आकृतियाँ प्रमुख हैं।

  • प्रमुख कार्य:

    • 'वीनस का जन्म' (The Birth of Venus): यह एक प्रतिष्ठित चित्र है जो रोमन देवी वीनस को दर्शाती है।

    • 'बसंत' (Primavera): एक और प्रसिद्ध चित्र जिसमें पौराणिक आकृतियों को दर्शाया गया है।

5. एंड्रिया डेल वेरोक्कियो (Andrea del Verrocchio)

  • समयकाल: 1435–1488 ई.

  • परिचय: वे एक बहुमुखी कलाकार थे जो चित्रकार, मूर्तिकार और स्वर्णकार तीनों थे। वे लियोनार्डो दा विंची के गुरु भी थे।

  • प्रमुख कार्य:

    • 'ईसा का बपतिस्मा' (The Baptism of Christ): उनका एकमात्र प्रमाणित चित्र, जिसमें लियोनार्डो ने एक देवदूत को चित्रित किया था।

    • 'डेविड' की कांस्य प्रतिमा


वेनिस और उत्तरी पुनरुत्थान

  • वेनिस: इस काल में वेनिस कला का एक प्रमुख केंद्र बन गया। यहाँ के कलाकार रंगों को अपनी कला का मुख्य तत्व मानते थे, जबकि फ्लोरेंस में रेखा पर जोर दिया जाता था।

    • प्रमुख कलाकार:

      • बेलिनी परिवार (Bellini Family): जेंटाइल और जियोवानी बेलिनी ने वेनिस की कला को काफी प्रभावित किया।

      • ज्योर्जियोन (Giorgione): बेलिनी के शिष्य, जिन्होंने संगीत से प्रेरित चित्र बनाए। उनका सबसे प्रसिद्ध चित्र 'आँधी' (The Tempest) है।

      • टिशियन (Titian): इटली के सबसे वयोवृद्ध कलाचार्य। वे रंगों के मास्टर थे। उनकी प्रसिद्ध कृतियों में 'कुमारी का स्वर्गारोहण' और 'यूरोपा का शीलभंग' शामिल हैं।

  • उत्तरी पुनरुत्थान (जर्मनी):

    • अल्बर्ट ड्यूरर (Albrecht Dürer): जर्मन पुनरुत्थान के सबसे प्रसिद्ध कलाकार। वे एक चित्रकार, प्रिंटमेकर और विचारक थे। वे अपने वुडकट प्रिंट्स जैसे 'एपोकैलिप्स' और 'नाइट, डेथ एंड डेविल' के लिए जाने जाते हैं।

    • मार्टिन शोंगॉर (Martin Schongauer): ड्यूरर से पहले जर्मनी के एक प्रसिद्ध प्रिंटमेकर।

  • नीदरलैंड (फ्लेमिश कला):

    • वैन आइक बंधु (Van Eyck Brothers): हुबर्ट और जॉन वैन आइक को 15वीं शताब्दी में तैल चित्रण पद्धति (Oil Painting Technique) का आविष्कारक माना जाता है। जॉन वैन आइक का प्रसिद्ध चित्र 'अर्नोल्फिनी पोट्रेट' है।

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