अच्युतन रामचंद्रन नायर, जिन्हें ए. रामचंद्रन के नाम से जाना जाता है, एक भारतीय चित्रकार, मूर्तिकार और भित्ति चित्रकार थे। उनका जन्म 1935 में केरल के अटींगल में हुआ था।
प्रमुख बिंदु
पूरा नाम: अच्युतन रामचंद्रन नायर
जन्म: 1935, अटींगल, केरल
कला शिक्षा:
1961 में कला भवन, शांति निकेतन से शिक्षा प्राप्त की।
उनके गुरु रामकिंकर बैज और विनोद बिहारी मुखर्जी थे।
प्रभाव: वे नंदलाल बोस से प्रभावित थे। उनके चित्रों पर मैक्सिको के कलाकार ओरोस्को, रिवेरा और सिकेरोस का भी प्रभाव था। उनकी शैली में अभिव्यंजनवाद का प्रभाव दिखाई देता है।
पेशेवर जीवन:
1965 में जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली में कला शिक्षा में व्याख्याता के रूप में नियुक्त हुए और बाद में प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष बने।
उन्होंने डाक विभाग के कई टिकटों का डिजाइन भी तैयार किया।
युवावस्था में, उन्होंने आकाशवाणी तिरुवनंतपुरम में एक पेशेवर गायक के रूप में भी काम किया था।
विवाह: उनका विवाह चीनी महिला तान युवान चमेली के साथ हुआ था।
गुरु: उनकी जापानी गुरु फुको अकीनो थीं, जो 1962 में शांति निकेतन में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में आई थीं।
प्रमुख कृतियाँ और संग्रह
रामचंद्रन की वास्तविक ख्याति उनके उत्कृष्ट कार्यों, विशेषकर 'ययाति' श्रृंखला से हुई।
'ययाति' श्रृंखला (1986):
यह महाभारत की कथा 'ययाति' से संबंधित एक विशाल भित्तिचित्र है, जिसकी माप 60 फीट लंबा और 7 फीट चौड़ा है।
इस कृति में 13 कांस्य मूर्तियों को भी शामिल किया गया है।
इसे 1986 में दिल्ली की वेदरा आर्ट गैलरी में प्रदर्शित किया गया था।
'ययाति' (संध्या) कैनवास पर तैल माध्यम से बना है और इसका संग्रह वडोदरा आर्ट गैलरी, नई दिल्ली में है।
'पोखरण' (1975): पोखरण परमाणु विस्फोट से आहत होकर, उन्होंने 'रागिनी' चित्र श्रृंखला तैयार की।
'काली पूजा' (1972) और 'कब्र खोदने वाले' (1977): विशाल कैनवास पर अंकित ये उनके प्रसिद्ध चित्र हैं।
'लोटस पौंड' (2003): उनकी एक और प्रसिद्ध कृति।
ग्रेनाइट बेस-रिलीफ़ मूर्ति: 2003 में तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में राजीव गांधी मेमोरियल के लिए 20 फीट ऊँची यह मूर्ति बनाई।
संग्रह: उनके चित्र नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट (नई दिल्ली), ललित कला अकादमी (नई दिल्ली), चंडीगढ़ संग्रहालय और भारत भवन (भोपाल) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में संग्रहित हैं।
पुरस्कार और अन्य कार्य
राष्ट्रीय पुरस्कार: उन्हें ललित कला अकादमी, नई दिल्ली द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ।
कला पर लेखन: उन्होंने केरल के मंदिरों की मूर्तियों पर व्यापक अध्ययन किया और उनके बारे में लिखा।
'गौड़िया लोहार': उन्होंने राजस्थान की घुमक्कड़ जाति 'गौड़िया लोहार' के स्त्री-पुरुषों के अनगिनत स्केच भी बनाए थे।
प्रसिद्ध चित्र: 'ययाति', 'हन्ना एंड गोट्स', 'पोट्रेट ऑफ यमुना', 'कंचन ट्री एंड ड्रेगनफ्लाइज', 'चमेलियन एंड द बटरफ्लाई', 'ग्रीन लोटस पौंड', 'इंडियन रेजरेकशन', 'एनकाउंटर', 'उर्वसी एंड पुरुरवा', 'दि चेज', 'क्रिश्चियन', 'मशीन', 'काली पूजा', 'न्यूक्लियर रागिनीज एंड ऑफ दि यादवाज'।
0 टिप्पणियाँ