गुलाम मुहम्मद शेख (जन्म 1937)

 परिचय

  • जन्म: 16 फरवरी 1937 को सुरेंद्रनगर, गुजरात में।

  • पहचान: अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध चित्रकार, लेखक, कवि और कला समीक्षक। वे प्रिंटमेकर और कला इतिहासकार भी हैं।

  • पारिवारिक जीवन: उनकी पत्नी प्रसिद्ध कलाकार नीलिमा शेख हैं, और वे दोनों वडोदरा में रहते हैं।


शिक्षा और करियर

  • कला शिक्षा:

    • ललित कला संकाय, वडोदरा।

    • रॉयल कॉलेज ऑफ आर्ट, लंदन।

  • अध्यापन: 1960 में ललित कला संकाय, एम.एस. विश्वविद्यालय, वडोदरा में कला शिक्षक के रूप में अपना करियर शुरू किया।

  • विजिटिंग आर्टिस्ट: 1987 और 2002 में शिकागो कला संस्थान में विजिटिंग आर्टिस्ट रहे।

  • कला समूह: 1963 में स्थापित ग्रुप 1890 के संस्थापक सदस्यों में से एक थे।


कलात्मक शैली और विषय

  • शैली:

    • उनकी कला में स्वप्न, फंतासी और यथार्थ का मिश्रण दिखाई देता है।

    • वे अपने चित्रों में वर्णमाला के अक्षरों का प्रयोग करते थे।

    • उनकी रचनाओं में सूफी मत की गहरी समझ झलकती है, जो चित्रात्मक दोहों (शेरों) की सृष्टि करती है।

  • माध्यम: कैनवास पर तेल रंग, कोलाज, स्याही और ग्वाश।

  • प्रमुख चित्र और शृंखलाएँ:

    • 'शहर बिकाऊ है' (1981-1984): विक्टोरिया एंड अल्बर्ट संग्रहालय, लंदन में सुरक्षित। इस चित्र के केंद्र में 'सिलसिला' फिल्म को दिखाया गया है।

    • 'बोलती सड़क' (स्पीकिंग स्ट्रीट): एक प्रसिद्ध चित्र।

    • 'द ट्री ऑफ लाइफ': बढेरा आर्ट गैलरी, नई दिल्ली में सुरक्षित।

    • 'कश्मीर': कोलाज और स्याही में बना चित्र (2005)।

    • 'एक अचंभा देखा रे भाई': 2003 में ग्वाश माध्यम से निर्मित।

    • 'नीली तस्वीर': 'कहत कबीर' शीर्षक से छोटी-छोटी मानव आकृतियों को चित्रित किया।


सम्मान और लेखन

  • राष्ट्रीय पुरस्कार:

    • ललित कला अकादमी का राष्ट्रीय पुरस्कार: 1962 में।

    • पद्म श्री: 1983 में भारत सरकार द्वारा।

    • कालिदास सम्मान: 2002 में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा।

    • पद्म भूषण: 2014 में कला के क्षेत्र में योगदान के लिए।

  • लेखन:

    • 'अथवा': 1974 में लिखित गुजराती कविताओं का संग्रह।

    • 'घर जतन': गद्य शृंखला लिखी।

    • 'निरखे वही नजर': इस पुस्तक के लेखक भी गुलाम मुहम्मद शेख हैं।

    • कला पत्रिका: उन्होंने 'वृश्चिक' (1969-73) नामक कला पत्रिका का संपादन भी किया था।


अन्य प्रसिद्ध चित्र

  • फंतासी और यथार्थ

  • मनुष्य

  • लंबी अनुपस्थिति के बाद घर वापसी

  • स्वप्न

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