परिचय
जन्म: 1943 में शिमला में।
पारिवारिक संबंध:
पिता: कल्याण सुंदरम (1965-1971 तक भारत के विधि आयोग के अध्यक्ष)।
माता: इंदिरा शेरगिल (प्रसिद्ध चित्रकार अमृता शेरगिल की बहन)। इस तरह, अमृता शेरगिल उनकी मौसी थीं।
शिक्षा:
1965 में महाराजा सयाजी राव विश्वविद्यालय, बड़ौदा से ललित कला में स्नातक।
उनके कला गुरु के.जी. सुब्रमण्यम और एन.एस. बेंद्रे थे।
उन्होंने लंदन में ब्रिटिश-अमेरिकी चित्रकार आर. बी. कीटाज से भी कला की बारीकियां सीखीं।
व्यक्तिगत जीवन: उनका विवाह कला समीक्षक और इतिहासकार गीता कपूर से हुआ।
कलात्मक योगदान और शैली
प्रमुख योगदान: विवान सुंदरम पहले भारतीय कलाकार थे जिन्होंने इन्स्टालेशन (संस्थापन) कला की शुरुआत की।
माध्यम: उन्होंने विभिन्न माध्यमों में काम किया, जिनमें पेंटिंग, इन्स्टालेशन, फोटोग्राफी, प्रिंटमेकिंग और वीडियो कला शामिल हैं।
कला शैली:
उनके इन्स्टालेशन और वीडियो कला में दादावाद और अतियथार्थवाद का प्रभाव दिखता है।
उनकी कला अक्सर सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को उठाती है।
प्रमुख कलाकृतियाँ और प्रदर्शनियाँ
चित्र शृंखलाएँ:
1970: 'दी हाइट्स ऑफ माचू-पीचू' शृंखला तैयार की, जो पाब्लो नेरुदा की कविता पर आधारित थी।
1972: पाब्लो नेरुदा की कविता 'माच्चू-पिच्चू के शिखर' पर आधारित स्याही रेखांकनों की एक शृंखला प्रदर्शित की।
1984: 'साइंस ऑफ फायर' नामक प्रदर्शनी आयोजित की।
इन्स्टालेशन (संस्थापन):
अयोध्या कांड के बाद 'मेमोरियल' शीर्षक से एक स्थापना बनाई।
1998 में कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में 'स्ट्रक्चर ऑफ मीनिंग' नामक एक बड़ा इन्स्टालेशन बनाया।
'री-टेक ऑफ अमृता शेरगिल': शेरगिल परिवार की अभिलेखीय तस्वीरों पर आधारित एक डिजिटल फोटोमोंटाज शृंखला।
पेंटिंग:
'मिसेज जी' (1975, कैनवास पर तैल रंग)।
'डेथ ऑफ एन एकेडियन किंग' (इंजन ऑयल और कागज पर चारकोल)।
'कुर्सी-2' (1976), 'पिता की शबीह' (1980), 'दिवास्वप्न' (1931)।
अन्य प्रसिद्ध चित्र:
माँ और बच्चे
हटिड
लॉन्ग नाइट
ड्रीम
खड़ी हुई लड़की
रिफ्यूजी
नग्न भिखारी
दी चिल्ड्रन
गुड्डी
संगठनात्मक योगदान
कला पत्रिका: उन्होंने 'मार्ग पत्रिका' को प्रकाशित करने में योगदान दिया।
सचिव पद: वे आर्टिस्ट्स प्रोटेस्ट मूवमेंट में सचिव थे।
संस्थापक सदस्य: वे सफदर हाशमी मेमोरियल ट्रस्ट (SAHMAT) के संस्थापक सदस्यों में से एक थे।
कला संस्था: 1976 में उन्होंने कासोली कला संस्था को संगठित किया।
चित्र प्रदर्शनी: 1981 में उन्होंने 'प्लेस फॉर पीपुल' नामक चित्र प्रदर्शनी आयोजित की।
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