जोगीमारा की गुफाएँ: मौर्यकालीन भित्तिचित्रों का खजाना

 अवलोकन

  • स्थिति: जोगीमारा की गुफाएँ छत्तीसगढ़ राज्य के सरगुजा जनपद में, रामगढ़ की पहाड़ियों पर स्थित हैं।

  • समयकाल: इसे 300 ईसा पूर्व (मौर्यकालीन) का माना जाता है, जिसे डॉ. ब्लॉक ने निर्धारित किया है। अन्य विद्वानों (जैसे जॉन मार्शल) ने इसका समय 100 ईसा पूर्व माना है।

  • खोज: इसकी खोज 1904 में डॉ. ब्लॉक ने की थी।

  • नदी: यह नर्मदा नदी के उद्गम स्थल के पास स्थित है।

  • महत्व: जोगीमारा के चित्र भारत में उपलब्ध सर्वाधिक प्राचीन भित्तिचित्र माने जाते हैं।

  • संरचना: गुफा का माप 10 x 6 x 6 फीट है। इसमें 7 या 8 चित्र मिले हैं, जो छत पर बने हैं।


गुफा का इतिहास और प्रेम प्रसंग

  • शाब्दिक अर्थ: 'जोगीमारा' का अर्थ 'योगी का निवास स्थान' है।

  • स्थानीय नाम: स्थानीय लोग इसे 'बंगला' या 'बोंगरा' कहते हैं।

  • जैन धर्म: रायकृष्ण दास ने इसे जैन मंदिर कहा है। यहाँ की कला पर जैन धर्म का प्रभाव दिखता है।

  • प्रेम कथा: शिलालेखों के अनुसार, यह गुफा एक देवदासी सतनुका का निवास स्थान था, जो रूपदक्ष देवदीन से प्रेम करती थी। उनके प्रेम प्रसंग का उल्लेख पास की सीता बोंगरा गुफा की दीवारों पर एक अभिलेख के रूप में मिलता है।


प्रमुख चित्र और उनकी विशेषताएँ

जोगीमारा गुफा के चित्र खंडित अवस्था में हैं। 1914 में असित कुमार हल्दर और क्षेमेन्द्रनाथ ने इन चित्रों की प्रतिलिपियाँ तैयार की थीं।

  • चित्रों के विषय:

    1. कमलयुक्त सरोवर

    2. पेड़ के नीचे वार्तालाप करते कुछ व्यक्ति

    3. फूलों पर नृत्य करता एक युगल

    4. अनुपात रहित मनुष्य और पक्षी

    5. नर्तकियों, गायकों और वादकों का समूह

    6. प्राचीन ढंग का रथ

  • चित्रण तकनीक:

    • चित्र सफेद पृष्ठभूमि पर लाल रंग से बनाए गए हैं।

    • सीमांकन (Outlining) के लिए काले रंग का प्रयोग किया गया है।

    • आकृतियाँ बौनी और अनुपातहीन हैं।

    • इनकी शैली भरहुत और साँची की कला से मेल खाती है।

    • चित्रकला का विषय मुख्य रूप से ग्राम्य जीवन है।


आस-पास की अन्य गुफाएँ

जोगीमारा के पास कई अन्य महत्वपूर्ण गुफाएँ हैं:

  1. सीता बोंगरा: इसे एशिया की सबसे प्राचीन नाट्यशाला माना जाता है।

  2. हाथी पोल: एक प्राकृतिक सुरंग जिसका उपयोग हाथी करते थे।

  3. लक्ष्मण बोंगरा: एक किंवदंती के अनुसार, वनवास के दौरान लक्ष्मण यहाँ रहते थे।

  4. रावण द्वार: यहाँ रावण, कुंभकर्ण और नर्तकियों की मूर्तियाँ हैं।

  5. वशिष्ठ गुफा, कबीरा चौरा, पोरी देवरी और सिंह द्वार

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