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स्थापना:
1950 में सुंदरी के. श्रीधरानी द्वारा, जबकि प्रारंभिक कार्य 1951 में दिल्ली के कॉनॉट प्लेस के एक छोटे से कमरे से सिर्फ ₹100 के दान और 2 छात्रों के साथ शुरू हुआ। -
डिज़ाइन:
प्रसिद्ध वास्तुकार जोसेफ एलन स्टीन ने 1957 में इसे डिज़ाइन किया। -
संरचना तैयार: 1963 में पूरा ढांचा तैयार हुआ।
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स्थान: लुटियंस, नई दिल्ली (सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र)।
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विशेषताएँ:
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तीन गैलरी: त्रिवेणी गैलरी, श्रीधरानी गैलरी, त्रिवेणी गार्डन गैलरी
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ओपन-एयर थिएटर
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चैंबर थिएटर (एसी)
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साउंडप्रूफ रिकॉर्डिंग स्टूडियो
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पुस्तकालय और 'द नुक्कड़' (किताबें और रिकॉर्डेड संगीत)
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छत पर चाय-घर
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डार्क रूम व फोटोग्राफी यूनिट
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बच्चों की कला के लिए अलग सेक्शन
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"प्रकृति" – पौधों से सजा स्पेस, जो पर्यावरण प्रेम को प्रोत्साहित करता है।
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महत्व: यह आज आत्मनिर्भर गैर-लाभकारी कला परिसर है और दिल्ली का महत्वपूर्ण सांस्कृतिक व स्थापत्य स्थल माना जाता है।
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